सवाल अनगिनत हैं दफ़न दिल में
जवाब कुछ के भी मिले तो सुकून आए
रजा तो उन दोनों की रही है इक अरसे से
मिलन अब हासिल हो तो सुकून आए
पाई पाई जोड़ के पावों पे खड़ा किया इन्हें
शोहरत बच्चों के सर ना चढ़े तो सुकून आए
बहुत अरमानों से विदा हुई है लाडो पलकें नम किए
अब मुस्कान उसकी सदा बनी रहे तो सुकून आए
कर्जा लेकर आज ही बीज लाये हैं
अब बिन कर्ज की खुशियाँ मनाए तो सुकून आए
नहीं मिलता सब चाहत के हिसाब से हमें
बस इतनी सी बात समझ आए तो सुकून आए
-प्रशान्त सेठिया