शरारत, इशारे, मिलने के इरादे
याद याद और बस तेरी ही यादें
वैसे याद तो हमेशा करते हो तुम हमे
मिले कभी फुरसत तो जता देना
मौसम वो सारे जो तेरे संग गुजारे
वो झिलमिल सितारे, गवाह है हमारे
कुछ कुछ क्या सबकुछ जहन में है
तुम्हे कोई पल खास याद हो तो बता देना
वक्त, जगह, पोशाक और अवधि
किस मुलाकात पर क्या बात हुई
तुझ संग बीते हर एक पल का ब्यौरा है
तुम्हें कुछ याद न आये तो बता देना
अकेला खुश रहना मुकद्दर हमारा
ये इरादा भी था तुम्हारा
नहीं करता कोशिशें अब तुमसे मिलने की
गर तुम वही मुलाकातें चाहो तो बता देना
अब तो मैं भी तुझसा हो गया
कोई भी वादा मैं निभा न पाया
तुमने जब से अपना वादा तोड़ा है
मैंने कोई निभाया हो तो बता देना
-प्रशान्त सेठिया
Again jabardast 👍
ReplyDeleteThank you😊🙏
DeleteNice ��
ReplyDeleteThank you😊🙏
DeleteMast
ReplyDeleteThank you😊🙏
DeleteSuper Prashant Bhai...Dil ko lubha lete ho
ReplyDeleteThank you😊🙏
DeleteSuperb!!
ReplyDeleteKhub Bhalooo👍
ReplyDeleteধন্যবাদ🙏😊
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