ले संज्ञान

गूँजने दे चीख़ें
हम सब बहरे हैं
हमें क्या पता कौन है
थोड़ी न हमारी बहने है
दो दिन ख़बर में रहेगी
चर्चे थोड़ी न हर सवेरे में है
ऐसा सोचने वालों
थोड़ा दिमाग पर जोर डालो
मत बनो अनजान
कुछ तो लो संज्ञान
कब तक चुप रहोगे
औरतें तो तुम्हारे घर में भी है
माना तुमने कुछ भी न किया
फिर भी गर चुप रहे तो 
जुर्म का खुद को हिस्सेदार बना लिया

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