उसके संग रहना
दिन भर बातें करना
हर पल की मस्ती
अब आँख तरसती
कब मिलूँ में तुझसे
रहूँ मैं पहले जैसे
तेरा ख़याल न जाये
वैसे ही नींद आ जाये
तेरा लौट के आना
मुझे गले लगाना
माथा सहलाना
मेरे गाल खीँचना
फिर जी भर की बातें
और टपरी पे जाना
दो कस साथ लगाना
फिर साथ में चाय की चुस्की
अचानक आई खाँसी
मेरी नींद का खुलना
सपने से बाहर आना
जो चला गया उसका
कैसे लौट के आना
फिर पलकें गीली
दो पल ही सही
इक दफ़ा फिर से मैंने
वही ज़िंदगी जीली
Woww awesome
ReplyDeleteThank you 😊🙏
DeleteVery nice...👌👌👍
ReplyDeleteThank you 😊🙏
DeleteVery Great Poem. Poem is very awesome and emotional.
ReplyDeleteThank you Rohit😊🙏
Delete👌👌👌very nice
ReplyDeleteThank you 😊🙏
Delete👌👌🙂
ReplyDeleteThank you 😊🙏
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