संभलो यारों

आँसू पोंछो और खुद को संवारों
जाने वाले को जाने दो यारों

तेरी जिम्मेदारी और भी है दुनिया में
हँस के उसी में लग जाओ यारों

किसी के जाने से ज़िन्दगी नहीं थमती
मन को अब तो काबू में करलो यारों

समय सब घाव भर देगा
कोई उससे भी अच्छा आयेगा यारों

तेरा जुड़ाव गलत नहीं है उससे
पर खुद्दारी खुद की भी तो समझो यारों

No comments:

Post a Comment