हामी

किवाड़ लगा जाके दिवार पे
वो सीधा घर में घुस आया
पूरा कुटुम्ब विस्मय में था
देखे ये फिर क्या करने आया
मन मेरा बहुत ही विचलित था
न जाने ये अब क्या कर देगा
मेरे ही प्यार में पागल वो
सचमुच आशिक़ दीवाना था
उसने पापा को देख मेरे
कर जोड़ बैठा वो घुटनों पे
और बोल पड़ा हाँ करदो पापा
मैं खुश रखूँगा आपकी बिटिया को
पापा ने अपना मुँह फेर लिया
और लगे देखने मेरे को
मै भी नज़र झुका कर बोली
मैं भी चाहूँ दिल से इसको
हामी अगर मिले आपकी हमको
हम जीवन भर ऋणी रहें दोनों
क्या कुछ नहीं किया आपने अब तक
बस अंतिम इच्छा पूरी कर दो
पापा अब तक जो शांत खड़े
उसको भी गले लगाया था
और बोले तुम दोनों खुशियाँ बाँटो
कोई तकलीफ़ हो तो बता देना
सुनो ओ छोटी की अम्मा
जरा पंडित को घर पे बुला लेना
मुहूर्त दिखवाओ शादी का
छोटी को विदा है अब करना
इतना सुन के मैं दौड़ पड़ी
पापा से लिपट के रोने लगी
आपकी एक "हामी" ने मेरी
जीवन भर की खुशियाँ लिख डाली

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