तेरे जाने के बाद तेरा चेहरा
मेरी आँखों पर बस तेरा पहरा
याद तेरी हर पल ही रुलाये
ठहर ठहर पलकें नम जाये
जागूँ सौंऊँ बस तू ही जहन में
थोड़ी देर में लगूँ सिसकने
जब भी कोई काम मे करता
उसमें तेरा अंदाज ढूंढता
कुछ ना सूझे अब मैं करूँ क्या
मेरा जीना जरूरी है क्या
अंतिम बार तुझे देख न पाया
लिपट में तुझसे रो भी न पाया
मनोदशा तेरी क्या होगी
जब तुझको याद मेरी आई होगी
कोई निकट परिचित न था तेरे
शायद ढूंढे अपनों के चेहरे
तूने जो देखे थे सपने
करूँगा मैं अब उनको पूरे
धीरे धीरे मैं संभल जाऊँगा
गिर गिर के चलना सिख जाऊँगा
तेरी कमी हरदम ही खलेगी
अब तेरी संगत मुझे न मिलेगी
बिन तेरे सब सूना सूना
हाय रे ये क्या कर दिया कोरोना
Kya khub likha hai......Bhai👌👍🙏
ReplyDeleteThank you🙏🏻
DeleteWa bhai dil ko chu liya...
ReplyDeleteThank you🙏🏻
DeleteSuprb
ReplyDeleteGood one!
ReplyDeleteThank you🙏
Deleteअति सुन्दर।
DeleteThank you😊🙏
DeleteThanks everyone😊
ReplyDelete