तिनका तिनका ले उड़ा
तरुवर से खग आकाश
एक घरोंदा बन जाए
बस इतनी सी आस
उसे खबर नहीं आएगी आँधी
फिर से वही होगी बर्बादी
फिर से उसको जाना होगा
तिनका तिनका लाना होगा
इसी बीच कहीं थक जाएगा
लौट के वापस न वो आएगा
कहीं तिनकों के ऊपर लेटा
विचार करे मैंने क्या है समेटा
ना कुछ लाया ना कुछ संग में
दर्द भरा मेरे रग रग में
साथी मेरा इंतज़ार करेंगे
उड़ के खोज खबर भी लेंगे
लेकिन मैं कहीं मिल न पाऊँगा
थोड़े दिन यादों में रहूँगा
यही श्रृंखला अब तक चली है
घर के पीछे इक उम्र कटी है
कब तक ऐसा चलता रहेगा
दाने पानी को तकता रहेगा
उम्र है छोटी ये ध्यान तू धरले
थोड़ी पुण्य कमाई करले
राम नाम का भजन नहीं सब कुछ
पर इसके सिवा संग चले ना अब कुछ
तिनके के संग मणका फ़िरा ले
जनम मरण से पीछा छुड़ा ले
रघुवर तेरे नाम का ये मन
सुमिरण करता जाए
जो मेरे बस में नहीं बस
वो तू ही पार लगाए
तरुवर से खग आकाश
एक घरोंदा बन जाए
बस इतनी सी आस
उसे खबर नहीं आएगी आँधी
फिर से वही होगी बर्बादी
फिर से उसको जाना होगा
तिनका तिनका लाना होगा
इसी बीच कहीं थक जाएगा
लौट के वापस न वो आएगा
कहीं तिनकों के ऊपर लेटा
विचार करे मैंने क्या है समेटा
ना कुछ लाया ना कुछ संग में
दर्द भरा मेरे रग रग में
साथी मेरा इंतज़ार करेंगे
उड़ के खोज खबर भी लेंगे
लेकिन मैं कहीं मिल न पाऊँगा
थोड़े दिन यादों में रहूँगा
यही श्रृंखला अब तक चली है
घर के पीछे इक उम्र कटी है
कब तक ऐसा चलता रहेगा
दाने पानी को तकता रहेगा
उम्र है छोटी ये ध्यान तू धरले
थोड़ी पुण्य कमाई करले
राम नाम का भजन नहीं सब कुछ
पर इसके सिवा संग चले ना अब कुछ
तिनके के संग मणका फ़िरा ले
जनम मरण से पीछा छुड़ा ले
रघुवर तेरे नाम का ये मन
सुमिरण करता जाए
जो मेरे बस में नहीं बस
वो तू ही पार लगाए
Very nice
ReplyDeleteThank you😊🙏🏻
DeleteNice..poem..
ReplyDeleteThank you😊🙏🏻
DeleteIts just unexplanable
ReplyDeleteVery nice,keep it up
ReplyDeleteThank you 😊🙏
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