ये जो शरारत
हुई जाना मुझसे
क्या इसका सिला
होगी लम्बी जुदाई
ये जो मोहब्बत
हुई जाना तुझसे
क्या लिखी भाग्य में
बस तुझसे तन्हाई
नहीं मौत मुझको
अभी आने वाली
क्यों साँसें हुई
अब मुझसे ही पराई
सोचा ही होगा
सबके बारे में तूने
क्यूँ लिया फैसला
बिन जाने मेरी सच्चाई
ऐसा नहीं कि
मुझे तू भूल पाए
बस इतना बता
क्यूँ दी मुझको रिहाई
हुई जाना मुझसे
क्या इसका सिला
होगी लम्बी जुदाई
ये जो मोहब्बत
हुई जाना तुझसे
क्या लिखी भाग्य में
बस तुझसे तन्हाई
नहीं मौत मुझको
अभी आने वाली
क्यों साँसें हुई
अब मुझसे ही पराई
सोचा ही होगा
सबके बारे में तूने
क्यूँ लिया फैसला
बिन जाने मेरी सच्चाई
ऐसा नहीं कि
मुझे तू भूल पाए
बस इतना बता
क्यूँ दी मुझको रिहाई
Nice One. .👌👌👌👌
ReplyDelete-Pranav
Thanks Pranav😊
DeleteIt seems came from Heart..
ReplyDeleteRaj
Thanks Raj..
DeleteAll poems are born from heart only😊
Wah wah
Delete