ले भर तेरी खाली झोली
जो चाहे सो पाये
पोंछ तेरे अब सारे आँसू
वक्त है तू मुस्काये
धन धान्य और सुख विद्या का
अब से हर जन पाये
ले भर तेरी खाली झोली....
साया बड़ों का उठने न पाये
वो मार्ग सदा ही दिखलाये
ले भर तेरी खाली झोली....
निःसंतान रहे ना तेरा दामन
कुदरत कोई पुष्प खिलाये
ले भर तेरी खाली झोली....
रोग अशांति न घेरे तुमको
दो मजहब ना टकराये
ले भर तेरी खाली झोली....
छोटे करें आदर सब बड़ों का
वृद्व भी हँसते ही जाए
ले भर तेरी खाली झोली....
माता के दरबार लगे हैं
एक बार तो दर्शन पाये
ले भर तेरी खाली झोली....
जो चाहे सो पाये
पोंछ तेरे अब सारे आँसू
वक्त है तू मुस्काये
धन धान्य और सुख विद्या का
अब से हर जन पाये
ले भर तेरी खाली झोली....
साया बड़ों का उठने न पाये
वो मार्ग सदा ही दिखलाये
ले भर तेरी खाली झोली....
निःसंतान रहे ना तेरा दामन
कुदरत कोई पुष्प खिलाये
ले भर तेरी खाली झोली....
रोग अशांति न घेरे तुमको
दो मजहब ना टकराये
ले भर तेरी खाली झोली....
छोटे करें आदर सब बड़ों का
वृद्व भी हँसते ही जाए
ले भर तेरी खाली झोली....
माता के दरबार लगे हैं
एक बार तो दर्शन पाये
ले भर तेरी खाली झोली....
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