सवाल

ये जो शरारत
हुई जाना मुझसे
क्या इसका सिला
होगी लम्बी जुदाई

ये जो मोहब्बत
हुई जाना तुझसे
क्या लिखी भाग्य में
बस तुझसे तन्हाई

नहीं मौत मुझको
अभी आने वाली
क्यों साँसें हुई
अब मुझसे ही पराई

सोचा ही होगा
सबके बारे में तूने
क्यूँ लिया फैसला
बिन जाने मेरी सच्चाई

ऐसा नहीं कि
मुझे तू भूल पाए
बस इतना बता
क्यूँ दी मुझको रिहाई

आशीर्वाद

ले भर तेरी खाली झोली
जो चाहे सो पाये
पोंछ तेरे अब सारे आँसू
वक्त है तू मुस्काये

धन धान्य और सुख विद्या का
अब से हर जन पाये
ले भर तेरी खाली झोली....

साया बड़ों का उठने न पाये
वो मार्ग सदा ही दिखलाये
ले भर तेरी खाली झोली....

निःसंतान रहे ना तेरा दामन
कुदरत कोई पुष्प खिलाये
ले भर तेरी खाली झोली....

रोग अशांति न घेरे तुमको
दो मजहब ना टकराये
ले भर तेरी खाली झोली....

छोटे करें आदर सब बड़ों का
वृद्व भी हँसते ही जाए
ले भर तेरी खाली झोली....

माता के दरबार लगे हैं
एक बार तो दर्शन पाये
ले भर तेरी खाली झोली....