हे नाथ तेरी, जय जय जय

तूझ से प्रारम्भ
तुझ से प्रलय
हे नाथ तेरी
जय जय जय

तू ही गगन
तू ही सतह
हे नाथ तेरी
जय जय जय

और क्या दूँ
तेरा परिचय
हे नाथ तेरी
जय जय जय

देखूं तुझे तो
हो जांउँ विस्मय
हे नाथ तेरी
जय जय जय

तू ही सागर
तू हिमालय
हे नाथ तेरी
जय जय जय

तू काटे कलेश
और भागे भय
हे नाथ तेरी
जय जय जय

जिसका न कोई
तू उसकी सराय
हे नाथ तेरी
जय जय जय

तू ही सरल
अनसुलझी प्रमेय
हे नाथ तेरी
जय जय जय

भटके जो राही
तो पाये गंतव्य
हे नाथ तेरी
जय जय जय

कर पाये निर्णय
ना रहे संशय
हे नाथ तेरी
जय जय जय

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