जल के जल में जाऊँ
फिर सागर में मिल जाऊँ
लहरों के साथ मैं खेलूँ
और हरदम मौज मनाऊँ
सारी परवाहें छोड़ूँ
मद मस्त सा बन के डोलूँ
जीतेजी जो ना पाया
तुझ में मिलके वो पाऊँ
शब्दों में मैं खो जाऊँ
बस तुझको लिखता जाऊँ
जो हम में बीती अब तक
इक कोशिश से गा पाऊँ
परतें दर परतें खोलूँ
वो राज सभी मैं बोलूँ
जो तू कल से नाखुश हो
मुझे डर है तुझे न खो दूँ
छुप के मैं सो जाऊँ
उस नींद से ना उठ पाऊँ
गर फिर से खोलूँ आँखें
माँ का हाथ ललाट पे पाऊँ
फिर सागर में मिल जाऊँ
लहरों के साथ मैं खेलूँ
और हरदम मौज मनाऊँ
सारी परवाहें छोड़ूँ
मद मस्त सा बन के डोलूँ
जीतेजी जो ना पाया
तुझ में मिलके वो पाऊँ
शब्दों में मैं खो जाऊँ
बस तुझको लिखता जाऊँ
जो हम में बीती अब तक
इक कोशिश से गा पाऊँ
परतें दर परतें खोलूँ
वो राज सभी मैं बोलूँ
जो तू कल से नाखुश हो
मुझे डर है तुझे न खो दूँ
छुप के मैं सो जाऊँ
उस नींद से ना उठ पाऊँ
गर फिर से खोलूँ आँखें
माँ का हाथ ललाट पे पाऊँ
Nice 👌👌👌
ReplyDeleteThank-you🙏
DeleteVery nice 👌👌
ReplyDeleteThank-you🙏
DeleteNice one
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