बिटिया

अचंभित उसके नैना, सूरत से भोली भाली
बाबा के संग जो खेली, आँचल में जिसको पाली

गिरती उठती और चलती, बाबा की पकड़े ऊँगली
मींचे वो दोनों अखियाँ, मुँह में डाले जब इमली

बाबा की बिटिया है वो, ममता ने जिसको ढाली
फली फूली नाजों से, बाबा की प्यारी लाली

सपने साकार हो उसके, बस फैलाये खुशहाली
घर कौनसा होगा उसका, जब छोड़े गली बाबुल की

जिस घर में भी जाये, वो कहलाये भाग्यशाली
रिश्ते आनंदित कर दे, खुशियों से भर जाये झोली

ससुराल में मुस्काये हर पल, न होये आँखें गीली
मायके की याद न आए, हो राखी होली या दिवाली

                        @sethipras

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