इक़्तेफ़ाक़ तो नहीं था

मेरे रोम रोम में बस जाना तेरा
इक़्तेफ़ाक़ तो नहीं था
ज़माने से परे तुझ में किनारा मेरा
इक़्तेफ़ाक़ तो नहीं था

जैसे दरिया मेरे इर्द गिर्द ही था
फिर भी प्यासा सो जाना मेरा
इक़्तेफ़ाक़ तो नहीं था

मेरा वजूद तो वैसे आज भी कुछ नहीं
फिर भी तुझ में वजूद तलाशना मेरा
इक़्तेफ़ाक़ तो नहीं था

साकी सा ही था तेरा मुझ संग होना
दुनिया से परे संग पाके तेरा
बेहोश हो जाना मेरा
इक़्तेफ़ाक़ तो नहीं था

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