तैयारी कर रहे है

उम्र कट जाएंगी बिना ज़िन्दगी के
पता नहीं लोग किस ज़माने में जीने की तैयारी कर रहे है

जवानी का दरिया बह जाएगा जनाब यह समय की ढलान है
पता नहीं लोग कौनसे समंदर पार करने की तैयारी कर रहे है

रंगत बदलती रहती है हर एक मौसम में ज़मीन की
जीवन है तो सुख दुःख रहेंगे
पता नहीं लोग कौनसे परम सुख पाने की तैयारी कर रहे है

शरीर है तो बीमारी भी होगी
ये सब तो चलते रहेंगे
पता नहीं लोग कौनसी संजीवनी लाने की तैयारी कर रहे है

नगमा तो कंठों से ही निकलेगा
बिन एहसास क्या वे मजा दे पाएंगे, फिर भी
पता नहीं लोग कौनसा सुर लगाने की तैयारी कर रहे है

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